Thursday, 28 August 2014

मुंह के छालों के लिए घरेलु नुस्खे

मुंह के छालों के लिए घरेलु नुस्खे 

मुंह में छाले होने का मुख्य कारण कब्ज तथा अजीर्ण है| इसके साथ ही मांस, मछली, अंडा, मिर्च, तेल, सोंठ, गरम मसालों से युक्त भोजन अधिक मात्रा में सेवन करने से मुंह में छाले उभर आते हैं| तेल तथा तेल में तले हुए पदार्थों और बहुत गरम चीजों को खाने से भी यह रोग हो जाता है| गरम पदार्थ मुख की कोमल श्लेष्मिक कला में प्रदाह उत्पन्न कर देते हैं जिससे गरमी का सीधा प्रभाव मुंह के भीतर दिखाई देने लगता है| पेट की गरमी बढ़ जाती है और पाचन-क्रिया ठीक प्रकार से नहीं हो पाती| दूसरे गरमी के कारण पेट में मल सड़ता रहता है| फिर वह गरमी वायु को ऊपर की ओर खिसकाती है जो मुंह में छाले पैदा कर देती है|


पहचानइस रोग में जीभ के किनारों, तालू तथा होंठो के भीतरी भाग में छोटी-छोटी फुंसियां पैदा हो जाती है| ये फुंसियां कभी-कभी छोटी दिखाई देती है तथा तभी बड़ी मालूम पड़ती हैं| इनमें जलन होती है| इनका रंग लाल होता है| इनमें सुई चुभने जैसी पीड़ा होती है| कभी-कभी खुजली भी होने लगती है| कई बार सारा मुख लाल पड़ने के बाद सूज जाता है| यदि रोग बढ़ जाए तो फुंसियों के पकने की नौबत आ जाती है| मुंह में सूजन आने से प्राय: कुछ भी खाना-पीना मुश्किल हो जाता है|

चिकित्सा
  • कत्थे को महीन पीसकर उसमें थोड़ा-सा शहद मिला लें| फिर इसे छालों पर लगाएं| मुंह झुकाकर लाल नीचे की ओर टपका दें|
  • फूला हुआ सुहागा तथा शहद - दोनों को मिलाकर छालों पर लगाएं|
  • त्रिफला चूर्ण रातो को सोते समय गरम पानी से लेना चाहिए| इससे पेट का कब्ज ढीला पड़ेगा और सुबह मल साफ आएगा| पेट ठीक होते ही छाले अपने-आप सूख जाएंगे|
  • #आंवले का चूर्ण सुबह-शाम 5-5 ग्राम की मात्रा में गरम पानी से लें|
  • रात को सोते समय एक या दो चम्मच #ईसबगोल की भूसी खाकर ऊपर से पानी पी लें|
  • #तुलसी तथा #चमेली के पत्ते चबाकर लाल नीचे टपकाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं|
  • दो चम्मच #शहतूत का शरबत ताजे पानी में डालकर गरारे करें|
  • टमाटर का रस पानी में मिलाकर उससे गरारे करें|
  • साबुत #धनिया को पीसकर चूर्ण बना लें| फिर इस चूर्ण को छालों पर बुरककर लार नीचे गिरा दें|
  • हरा धनिया, सूखा धनिया तथा पुदीना - तीनों 5-5 ग्राम लेकर चटनी बना लें| इस चटनी को जीभ पर लगाकर लाल बाहर गिराते रहें| यह चटनी दिनभर में चार-पांच बार लगाएं|
  • #अमरूद की चार-पांच मुलायम पत्तियों को एक गिलास पानी में उबालें| फिर इस पानी को छानकर कुल्ला करें| इससे मुंह की दुर्गंध भी दूर होती है|
  • भोजन के बाद केवल #सौंफ का पानी पीने से मुंह के छाले सूख जाते हैं| इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच सौंफ डालकर औटाएं| फिर पानी को छानकर ठंडा होने के लिए रख दें| यही सौंफ का पानी प्रयोग करें|
  • अंजीर के पेड़ से कच्चे #अंजीरों का दूध इकट्ठा करके छालों पर लगाएं|
  • जायफल को पानी में घिसकर उंगली से जीभ तथा तालू पर लेप करें| लार बाहर निकाल दें|
  • #अरहर की हरी पत्तियों को चबाकर थूक दें| लार पेट में जाने दें| छालों को दूर करने की यह बड़ी कारगर दवा है|
  • #मेहंदी तथा #फिटकिरी - दोनों को बराबर की मात्रा में पीसकर छालों पर लगाएं|
  • लाल #इलायची के छिलकों को सुखाकर पीस लें| फिर इस चूर्ण को पानी में भिगोकर या पानी में पेस्ट बनाकर छालों पर लगाएं|
  • #करेले के रस को पानी में डालकर कुल्ला करने से छाले दूर होते हैं|
  • #मसूर की दाल को आग में भून लें| इसमें समभाग बरेली वाला सफेद कत्था मिलाएं| दोनों को पीसकर मुख में लगाएं| लार नीचे टपका दें|
जौ को आग में जलाकर कोयला कर लें| अब इनको पीस डालें| इसमें दो चुटकी पिसा हुआ कत्था मिलाएं| दोनों का मिश्रित चूर्ण छालों पर लगाएं|
छालों में गाय या भैंस का घी उंगली से लगाएं|
मुलहठी, नीम की पत्तियां तथा मेहंदी की पत्तियां पानी में उबालकर पानी छान लें| फिर इस पानी से गरारे करें|
आम की छाल, पीपल के पेड़ की छाल तथा बबूल की छाल लेकर पानी में औटा लें| फिर इस पानी से बार-बार कुल्ला करें|
बेर के पत्तों को पानी में उबालकर उससे कुल्ला करना चाहिए|
मौलसिरी के पेड़ की छाल को पानी में उबालकर उससे कुल्ला करें|


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