Wednesday 8 October 2014

एड्स रोग चिकित्सा जानकारी सावधानी (Careful medical information on AIDS)

एड्स रोग चिकित्सा जानकारी सावधानी (Careful medical information on AIDS)
एड्स रोग की औषधि और चिकित्सा-
आज के समय में वैज्ञानिकों ने बडे़-बड़े रोगों से लड़ने की कई तरह की औषधियां तैयार कर ली हैं जो हर तरह से कारगर साबित हुई हैं। लेकिन एच.आई.वी. अर्थात एड्स जैसे रोग से लड़ने में अभी भी वैज्ञानिक पूरी तरह से कामयाब नहीं हुए हैं। इसका एक कारण भी है कि एड्स का विषाणु अपनी अजीब सी बनावट के कारण अपना सूक्ष्म रूप बदल लेता है। इसलिए इस पर कोई असरकारक औषधि तैयार नहीं हो पा रही है। वैसे आजकल एड्स रोग के लिए ए-जेड.टी.(जिडोन्यूडान), डी.डी.आई. और डी.डी.सी. आदि औषधियों का प्रयोग किया जा रहा है लेकिन इनका असर भी ज्यादा समय तक नहीं रहता।
इसके अलावा यह औषधियां इतनी ज्यादा मंहगी हैं कि साधारण व्यक्ति को अगर यह रोग होता है तो वह इन औषधियों को खरीद भी नहीं सकता। वैसे भी यह औषधियां एड्स के रोग को जड़ से समाप्त नहीं कर पाती हैं केवल रोगी का जीवन 2-3 साल तक और बढ़ा देती हैं। एड्स के रोगी के साथ एक और दुर्भाग्यपूर्ण बात यह सामने आती है कि इस रोग का वायरस एच.आई.वी. पॉजीटिव रोगी के खून में ही नहीं बल्कि दूसरे ऊतकों, अस्थि-मज्जा, जिगर तथा तिल्ली आदि में भी फैल जाता है। इसलिए अगर इस रोग से ग्रस्त रोगी के शरीर का पूरा का पूरा खून भी बदल दिया जाए तो भी उसे नहीं बचाया जा सकता।
एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर साधारण तरह का संक्रमण होता है तो क्लोरीन तथा हाइड्रोजन परॉक्साइड उसे समाप्त कर देते हैं क्योंकि इनके अंदर जीवाणुओं को मारने की शक्ति होती है लेकिन यह बहुत ज्यादा जहरीले होते हैं। इसी कारण से इनका प्रयोग एड्स रोग में नहीं किया जा सकता क्योंकि यह रोगी के ऊतकों को भी नष्ट कर देते हैं। अगर एच.आई.वी. पॉजीटिव व्यक्ति स्त्री के साथ संभोग करते समय कंडोम का उपयोग करे तो वह दुबारा संक्रमण से बच सकता है। इसके साथ ही हर व्यक्ति को अपने भोजन में पौष्टिकता का ख्याल भी रखना चाहिए। रोजाना ताजी हवा खाने से, व्यायाम करने से, छोटे-मोटे रोगों में लापरवाही न बरतना, मानसिक तनाव से दूर रहना, मन में आत्मविश्वास भरना आदि से व्यक्ति ज्यादा समय तक जीवित रह सकता है। वैसे तो वैज्ञानिक पूरे जी जान से एड्स रोग को दूर करने की औषधियों को खोजने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक उन्हें कोई सफलता हासिल नहीं हो पा रही है।
जानकारी-
जिन व्यक्तियों को किसी कारण से एच.आई.वी. अर्थात एड्स का रोग लग जाता है चाहे वह असुरक्षित शारीरिक संबंधों के कारण न होकर दूसरी वजह से हो जैसे किसी एड्स से संक्रमित व्यक्ति का खून उस व्यक्ति को चढ़ा देने से आदि तो उस व्यक्ति से उसके परिवार वाले, दोस्त, पड़ोसी, रिश्तेदार या कोई भी बहुत ही कटा-कटा सा बर्ताव करने लगते हैं। इसलिए इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति डाक्टर से जांच करवाने से डरता है। इसके लिए जरूरी है कि अगर किसी व्यक्ति के घर में किसी व्यक्ति को एड्स का रोग घेर लेता है तो उसके घर वालों को उसके साथ किसी तरह का भेदभावपू्र्ण व्यवहार नहीं करना चाहिए, उसे भरोसा दिलाना चाहिए कि उसकी हर एक बात को घर के अंदर ही रखा जाएगा। फिर भी जांच करवाने से पहले रोगी व्यक्ति की रजामंदी जरूर ले लेनी चाहिए। इसके अलावा उसे यह भी भरोसा दिलाना चाहिए कि जांच के बाद उसी के परामर्श से उसकी चिकित्सा की जाएगी।
अक्सर डाक्टर किसी साधारण व्यक्तियों का खून लेता है तो वह उसका उपयोग किसी और पर करने के लिए उसकी जांच करना जरूरी नहीं समझता। इसलिए डॉक्टर को पूरी तरह सावधान रहना चाहिए। डॉक्टर को पहले रोगी के खून का सेंपल ले लेना चाहिए और उस सेंपल को भी गुप्त रखना चाहिए। ऐसा करने से डॉक्टर और सरकार दोनों को एड्स रोग को रोकने में मदद मिलती है। इसके साथ ही एड्स रोग के रोगी जो अपनी जांच करवाने में डरते हैं उन्हे भी प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वह अपने मन से अपनी जांच करवा लें। इसके लिए सबसे पहले डॉक्टरों को सावधान रहने की जरूरत हैं। खून से बनने वाली चीजों की भी जरूरी रूप से एच.आई.वी. की जांच की जाए। अगर कोई व्यक्ति अस्पताल आदि में खून आदि चढ़वाता है तो उसे भी पहले डॉक्टर से उस खून की जांच का प्रमाणपत्र देख लेना चाहिए। यदि कोई डॉक्टर ऐसे मामलों में असावधानी बरतता है या गलत काम को बढ़ावा देता है तो उसके खिलाफ एक्शन लेने से डरना नहीं चाहिए। ऐसा करने से हर व्यक्ति की आंख खुलेगी और न तो कोई गलत काम होगा और न ही कोई किसी को गलत काम करने ही देगा।
सावधानी-
किसी भी अपरिचित स्त्री या पुरुष के साथ संभोग करते समय कंडोम का प्रयोग जरूर करें।
अस्पताल में खून चढ़वाने से पहले उस खून की जांच का सर्टीफिकेट जरूर देख लें।
स्त्री के साथ गुदामैथुन और मुखमैथुन आदि करने से दूर रहना चाहिए तथा मासिकस्राव के दिनों में जहां तक हो सके शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। इसके अलावा इस तरह की संभोग क्रिया से भी दूर रहे जिसमें कि तरल पदार्थों की अदला-बदली हो।
पहले से प्रयोग किया हुआ इंजेक्शन, शेव कराते समय पहले प्रयोग किया हुआ

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